हमारा पड़ोसी और जानी दुश्मन चीन, जो लाइन ऑफ एक्टुअल कंट्रोल यानी LAC पर सालों से भारतीय सेना को परेशान करता आ रहा है, अगर कल को भारत के हाथों पड़ जाए तो उसका क्या हाल होगा? क्या होगा अगर 2025 में भारत और चीन के बीच महायुद्ध छिड़ जाए? और सबसे बड़ा सवाल – इन दोनों देशों में से कौन है ज्यादा ताकतवर?
आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे चीन और भारत की सेनाओं की असली ताकत और कमजोरियों की। आपने सुना होगा कि चीन की सेना दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली सेना है, उनके पास 20 लाख सैनिक हैं, हाई-टेक हथियार हैं, मिसाइलें हैं, फाइटर जेट हैं। लेकिन क्या ये सब सच है? या फिर ये सिर्फ दिखावा है? हम आज इसकी पोल खोलेंगे और आपको बताएंगे कि असल में 2025 में भारत और चीन की सैन्य ताकत का स्कोरकार्ड क्या कहता है।
“लेकिन उससे पहले, अगर आपको अपनी भारतीय सेना पर गर्व है, तो अभी वीडियो को लाइक करें और नीचे कमेंट बॉक्स में ‘जय जवान, जय हिंदुस्तान’ जरूर लिखें। ये छोटा-सा काम हमारे जवानों के हौसले को सलाम करने का तरीका है।
तो दोस्तों, बिना टाइम वेस्ट किए चलिए शुरू करते हैं इस कहानी को – एक ऐसी कहानी जो आपको हैरान कर देगी, गर्व से सीना चौड़ा कर देगी, और शायद थोड़ा हंसाएगी भी।
दोस्तों, जब बात आती है चीन की सेना की, तो दुनिया कहती है – वाह! क्या ताकत है! उनकी पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी PLA के पास 20 लाख सैनिक हैं। ये संख्या इतनी बड़ी है कि किसी भी देश की सेना इसके आसपास भी नहीं ठहरती। उनके पास रोबोटिक टैंक हैं, हाई-टेक मिसाइलें हैं, फाइटर जेट हैं, एयर डिफेंस सिस्टम हैं – मतलब ऐसा लगता है जैसे हॉलीवुड की साइंस-फिक्शन फिल्म का सीन हो। लेकिन दोस्तों, कहानी में ट्विस्ट है। ये सब जो चमक-धमक दिखती है, वो असल में सोने की नहीं, पीतल की चमक है।”
चीन की सेना बाहर से जितनी ताकतवर दिखती है, अंदर से उतनी ही खोखली है। कई इंटरनेशनल रिपोर्ट्स और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने खुलासा किया है कि उनके हथियारों में से कई नकली हैं। हां, आपने सही सुना – नकली! जैसे हमारे मोहल्ले में कोई दुकानदार चाइनीज खिलौने बेचता है, जो दो दिन में टूट जाते हैं, वैसे ही चीन की सेना के कुछ हथियार भी बस दिखावे के लिए हैं। जनवरी 2024 में अमेरिकी इंटेलिजेंस ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया – चीन की कई इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलें, जो हजारों किलोमीटर तक मार कर सकती हैं, असल में पानी से भरी हुई हैं। जी हां, पानी! न मिसाइल में बारूद, न टेक्नोलॉजी, बस लोहे का ढांचा और पानी। अब आप ही बताओ, क्या ऐसी मिसाइलें दुश्मन को डराएंगी या हंसाएंगी?”
और ये कोई पहली बार नहीं है कि चीन की पोल खुली हो। याद है 2020 की गलवान घाटी की घटना? जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को सबक सिखाया था। उस दौरान का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें चीनी सैनिक डर के मारे रो रहे थे। उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे, और वो भागने की कोशिश कर रहे थे। अब सोचिए, जिस सेना के सैनिक जंग के मैदान में रोने लगें, वो कितनी ताकतवर हो सकती है? दूसरी तरफ, हमारे भारतीय जवान थे, जो बिना किसी डर के, सीना तानकर दुश्मन से भिड़ गए। ये फर्क है दोस्तों – दिखावे और असली जज्बे का।
तो दोस्तों, चीन की सेना का ये दिखावा तो समझ आ गया। लेकिन सवाल ये है कि उनकी सेना इतनी कमजोर क्यों है? इसके पीछे की वजह क्या है? चलिए, अगले हिस्से में इसकी असली वजह जानते हैं।”
दोस्तों, हमने देखा कि चीन की सेना बाहर से जितनी ताकतवर दिखती है, अंदर से उतनी ही कमजोर है। लेकिन ऐसा क्यों है? इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है – खुद चीनी सरकार की नीतियां और सेना में फैला भ्रष्टाचार। ये दो ऐसी बीमारियां हैं, जिन्होंने चीनी सेना को खोखला कर दिया है।”
चलो, पहले बात करते हैं चीन की सरकार की नीतियों की। साल 1980 में चीन ने ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ लागू की थी। इसका मतलब था कि हर परिवार में सिर्फ एक बच्चा हो सकता है। इसके साथ ही, 1955 में एक और नियम बनाया गया, जिसमें हर बच्चे को 3-4 साल की सैन्य ट्रेनिंग लेना जरूरी था। अब सोचिए, एक मां-बाप अपने इकलौते बच्चे को 20 साल तक प्यार से पालते-पोसते हैं, और फिर उसे सेना में भेजना पड़ता है। वो भी ऐसी सेना में, जहां उसे युद्ध में अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। नतीजा? चीन के लोग अपनी सेना से नफरत करने लगे। पहले लोग देशभक्ति के जज्बे से सेना में जाते थे, लेकिन अब हर युवा मजबूरी में सैनिक बनता है। वो न तो सेना छोड़ सकता है, न सरकार के खिलाफ बोल सकता है। एक रिपोर्ट कहती है कि आज भी चीनी सेना में 70% सैनिक ऐसे हैं, जो अपनी नौकरी से खुश नहीं हैं।”
ये हाल कुछ-कुछ वैसा है जैसे गांव में होता है। मान लो एक लड़के को उसके मां-बाप जबरदस्ती खेती करने को कहें, लेकिन उसका मन कहीं और हो। वो खेत में जाएगा, लेकिन काम आधे मन से करेगा। अब अगर बारिश आए या फसल खराब हो, तो वो मेहनत ही नहीं करेगा। वही हाल चीनी सैनिकों का है – वो सेना में हैं, लेकिन उनका दिल वहां नहीं है।”
अब बात करते हैं भ्रष्टाचार की। चीनी सेना में बड़े-बड़े अधिकारी अपनी काबिलियत से नहीं, बल्कि घूस देकर ऊंचे पदों पर पहुंचे हैं। इसका मतलब, जब जंग की नौबत आएगी, तो ये लोग सही फैसले नहीं ले पाएंगे। और हथियारों का हाल तो हमने पहले ही देख लिया – मिसाइलों में पानी भरा है, टैंक खराब हो रहे हैं। ये सब भ्रष्टाचार का नतीजा है। जो पैसा सेना को मजबूत करने में लगना चाहिए था, वो नेताओं और अधिकारियों की जेब में चला गया।”
एक और घटना सुनिए। 2016 में अफ्रीका के सूडान में चीनी सैनिक तैनात थे। वहां लोकल मिलिट्री ग्रुप ने हमला किया। अब आप सोच रहे होंगे कि चीनी सैनिकों ने जवाबी हमला किया होगा। लेकिन नहीं! वो जंग का मैदान छोड़कर भाग गए। ये वीडियो भी वायरल हुआ था, और पूरी दुनिया ने देखा कि चीनी सैनिकों में न हिम्मत है, न जज्बा।”
तो दोस्तों, अब तक हमने देखा कि चीन की सेना में सैनिकों का मनोबल कम है, भ्रष्टाचार फैला है, और हथियार भी नकली हैं। लेकिन भारत की सेना इसके मुकाबले कहां खड़ी है? चलिए, अगले हिस्से में दोनों की तुलना करते हैं।”
दोस्तों, अब तक हमने चीन की सेना की कमजोरियां देख लीं। लेकिन सवाल ये है कि अगर भारत और चीन की सेनाओं की टक्कर हो, तो कौन जीतेगा? क्या सचमुच चीन की 20 लाख सैनिकों वाली सेना हमारे सामने टिक पाएगी? चलिए, आंकड़ों और जज्बे के आधार पर दोनों की तुलना करते हैं।”
सबसे पहले डिफेंस बजट की बात करें। भारत का सालाना डिफेंस बजट 75 बिलियन डॉलर है, जबकि चीन का 300 बिलियन डॉलर – यानी हमारे से चार गुना ज्यादा। सैनिकों की संख्या में भी चीन आगे है – उनके पास 20 लाख सैनिक हैं, जबकि भारत के पास 14.5 लाख। टैंकों की बात करें तो भारत के पास 4,600 टैंक हैं, चीन के पास 5,000। एयरक्राफ्ट में भारत के पास 2,300 हैं, चीन के पास 3,300। नेवी में भी चीन की 730 बैटलशिप्स हैं, हमारे पास 294। तो आंकड़ों में तो चीन आगे दिखता है,
लेकिन दोस्तों, जंग नंबरों से नहीं, जज्बे से जीती जाती है। चीनी सैनिकों का हाल तो हमने देख लिया – वो डरते हैं, भागते हैं। दूसरी तरफ, हमारे भारतीय सैनिक अपने देश के लिए जान देने को तैयार रहते हैं। 1962 के युद्ध को ही लीजिए। उस वक्त भारत आजाद हुए सिर्फ 15 साल हुए थे। हमारे पास न हथियार थे, न टेक्नोलॉजी। फिर भी हमारे जवानों ने चीन को कई जगहों पर घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। और 2020 में गलवान घाटी में तो हमारे सैनिकों ने चीनी सेना को ऐसा सबक सिखाया कि वो आज तक याद रखते हैं।”
कारगिल युद्ध को याद करें। 1999 में पाकिस्तान ने हमारी चौकियों पर कब्जा कर लिया था। ऊंची पहाड़ियों पर, ठंड में, मुश्किल हालात में हमारे सैनिकों ने दुश्मन को खदेड़ दिया। कैप्टन विक्रम बत्रा जैसे जवान, जिन्होंने कहा था, ‘ये दिल मांगे मोर,’ और अपनी जान देकर देश की रक्षा की। अब सोचिए, क्या चीनी सैनिकों में ऐसा जुनून है? जवाब है – नहीं।
तो दोस्तों, आंकड़े कुछ भी कहें, लेकिन असली ताकत मनोबल और ट्रेनिंग में होती है। चलिए, अगले हिस्से में देखते हैं कि ये मनोबल हमारी सेना को कितना मजबूत बनाता है।
दोस्तों, युद्ध में हथियार जरूरी हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है सैनिकों का जज्बा और उनकी तैयारी। और यही वो चीज है, जो भारतीय सेना को दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक बनाती है।
हमारे सैनिकों को दुनिया की सबसे कठिन ट्रेनिंग दी जाती है। चाहे हिमालय की बर्फीली चोटियां हों, राजस्थान का जलता रेगिस्तान हो, या जम्मू-कश्मीर की मुश्किल घाटियां – हमारे जवान हर हाल में लड़ना जानते हैं। और सबसे बड़ी बात, वो ये सब देश के लिए करते हैं, मजबूरी में नहीं। दूसरी तरफ, चीनी सैनिकों को न ठीक से ट्रेनिंग मिलती है, न उनका मन सेना में लगता है।
एक सच्ची कहानी सुनिए। 1971 के भारत-पाक युद्ध में हमारे सैनिकों ने वो कर दिखाया, जो दुनिया के लिए मिसाल बन गया। लॉन्गेवाला की लड़ाई में सिर्फ 120 भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के 2000 सैनिकों और 40 टैंकों को रोक दिया। हमारे जवान रातभर लड़े, और सुबह तक दुश्मन को भागने पर मजबूर कर दिया। अब सोचिए, ऐसा जज्बा कहां से आता है? ये आता है देशभक्ति से, ट्रेनिंग से, और अपने देशवासियों के लिए कुछ करने की चाह से।”
वहीं, चीनी सैनिकों का हाल हमने गलवान में देखा। वो डर गए, रोने लगे। उनकी संख्या भले ही ज्यादा हो, लेकिन हिम्मत में वो हमारे सैनिकों के सामने कहीं नहीं ठहरते।”
तो दोस्तों, ये है हमारी सेना की असली ताकत। भले ही चीन के पास ज्यादा हथियार हों, लेकिन जंग जीतने के लिए जो चाहिए, वो हमारे पास है।
तो दोस्तों, आज हमने देखा कि चीन की सेना दिखने में भले ही ताकतवर लगे, लेकिन उसमें कमजोरियां ढेर सारी हैं – भ्रष्टाचार, कमजोर मनोबल, नकली हथियार। दूसरी तरफ, भारतीय सेना अपने जज्बे, ट्रेनिंग और देशभक्ति से दुनिया में नंबर वन है। 2025 में अगर इन दोनों की टक्कर हुई, तो जीत उसी की होगी जिसमें हिम्मत है।
अगर आपको ये वीडियो पसंद आया, तो लाइक करें, शेयर करें, और कमेंट में ‘जय हिंद, जय भारत’ जरूर लिखें। आपके मन में कोई सवाल हो, तो नीचे पूछना न भूलें। मिलते हैं अगले वीडियो में। तब तक के लिए – जय हिंद!