12 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट में उत्तराखंड के गदरपुर निवासी हर्षुल सेतिया घायल हो गए. हर्षुल अपनी शादी की शॉपिंग के लिए परिवार के साथ दिल्ली गए थे. चांदनी चौक से लौटते समय उनकी कार धमाके की चपेट में आ गई. हर्षुल के सिर पर चोट लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. मुख्यमंत्री धामी ने हर्षुल के पिता से बात कर सहायता का आश्वासन दिया है. ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से ज़्यादातर उत्तर प्रदेश के हैं. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और फरीदाबाद में एक विश्वविद्यालय की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है. कुछ गिरफ्तारियों से पाकिस्तान समर्थित आकाओं का संबंध सामने आया है.
Highlights
ज़रूर, यहाँ लेख के मुख्य अंश बुलेट बिंदुओं में हिंदी में दिए गए हैं:
* दिल्ली में लाल किले के पास कार ब्लास्ट में गदरपुर के हर्षुल सेतिया घायल, शादी की शॉपिंग के लिए गए थे.
* चांदनी चौक से लौटते समय कार धमाके की चपेट में आई, हर्षुल के सिर पर चोट, अस्पताल में भर्ती.
* दिल्ली बम ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत, कई घायल.
* फरीदाबाद में अल-फलाह विश्वविद्यालय जांच के घेरे में, कुछ डॉक्टरों की गिरफ्तारी हुई.
ज़रूर, यहां भावनात्मक और सूचनात्मक गहराई के साथ हिंदी में पुन: लिखित सामग्री है:
दिल्ली बम धमाका: खुशियों के बीच पसरा मातम
एक पल में बिखर गए सपने
12 नवंबर, 2025, 14:34 IST
दिल्ली के लाल किले के पास हुआ बम धमाका सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि कई परिवारों के सपनों पर एक बेरहम हमला था। इस धमाके ने खुशियों से भरे जीवन में मातम की स्याही घोल दी है।
उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के गदरपुर निवासी हर्षुल सेतिया अपनी शादी की शॉपिंग के लिए दिल्ली आए थे। उनके साथ उनकी मां अंजू सेतिया, मंगेतर शिवाली और छोटे भाई गौरव भी थे। उनकी खुशियों भरी दुनिया एक पल में तबाह हो गई, जब शाम करीब 6:30 बजे चांदनी चौक से नोएडा लौटते समय उनकी कार धमाके की चपेट में आ गई।
- दिल दहला देने वाला मंजर: धमाके की वजह से कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और हर्षुल के सिर पर गंभीर चोट आई। शीशे चकनाचूर हो गए, और हर तरफ चीख-पुकार मच गई।
- अस्पताल में जिंदगी की जंग: हर्षुल को तुरंत जननायक जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 20 घंटे बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। लेकिन, उनके मन पर लगे जख्म अभी भी हरे हैं।
"वह मंजर मैं कभी नहीं भूल सकता। एक पल में सब कुछ बदल गया," हर्षुल के पिता संजीव सेतिया ने कहा, उनकी आवाज में दर्द और बेबसी झलक रही थी।
सरकारी सहायता का आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर्षुल के पिता संजीव सेतिया से फोन पर बात की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। लेकिन, क्या यह सहायता उन परिवारों के खोए हुए सपनों को वापस ला पाएगी?
आंकड़ों की चीख
यह सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है। दिल्ली बम धमाके में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है, और कई घायल अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। मरने वालों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश के लोग हैं।
- खतरनाक साजिश का पर्दाफाश: धमाके से ठीक पहले फरीदाबाद से कई डॉक्टरों की गिरफ्तारी हुई थी, और उनके पास से हजारों किलो विस्फोटक और खतरनाक हथियार बरामद किए गए थे।
जांच के घेरे में विश्वविद्यालय
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के मुस्लिम बहुल धौज गांव में स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय और उसका 76 एकड़ का परिसर भी जांच के दायरे में आ गया है। जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय ऐसे व्यक्तियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह कैसे बन गया, जो "पाकिस्तान समर्थित आकाओं के इशारे पर काम कर रहे थे।"
क्या हम सुरक्षित हैं?
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम वास्तव में सुरक्षित हैं? क्या हमारे आसपास छिपे हुए खतरे को भांप पाना इतना मुश्किल है?
जागरूक रहें, सतर्क रहें
यह वक्त है कि हम सब मिलकर इस खतरे के खिलाफ आवाज उठाएं। अपने आसपास की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें और तुरंत पुलिस को सूचित करें।
आप क्या कर सकते हैं?
- जागरूकता फैलाएं: इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, ताकि वे भी सतर्क रहें।
- सुरक्षा नियमों का पालन करें: सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा नियमों का पालन करें और संदिग्ध वस्तुओं से दूर रहें।
- मदद के लिए आगे आएं: पीड़ितों की मदद के लिए दान करें और उन्हें भावनात्मक समर्थन दें।
आइए, हम सब मिलकर एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाज का निर्माण करें।
FAQ
ज़रूर, यहां दिल्ली बम ब्लास्ट की घटना पर आधारित 8 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) हैं:
दिल्ली बम ब्लास्ट: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
दिल्ली में बम ब्लास्ट कब हुआ?
दिल्ली में बम ब्लास्ट 12 नवंबर, 2025 को शाम करीब 6:30 बजे हुआ।बम ब्लास्ट कहां हुआ था?
यह धमाका चांदनी चौक के पास हुआ था, जब हर्षुल और उनका परिवार नोएडा लौट रहे थे।इस घटना में कौन घायल हुआ?
हर्षुल सेतिया इस घटना में घायल हुए थे। उनके साथ उनकी मां अंजू सेतिया, मंगेतर शिवाली और छोटा भाई गौरव भी थे, लेकिन खबर में उनकी चोटों का उल्लेख नहीं है।हर्षुल दिल्ली क्यों गए थे?
हर्षुल अपनी शादी की शॉपिंग के लिए दिल्ली गए थे।क्या इस ब्लास्ट में कोई मौत भी हुई है?
खबर के अनुसार, दिल्ली बम ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हो चुकी है।घायल हर्षुल को किस अस्पताल में भर्ती कराया गया था?
हर्षुल को जननायक जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर्षुल के पिता संजीव सेतिया से फोन पर बात कर हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।- जांच में अल-फलाह विश्वविद्यालय का नाम क्यों आ रहा है?
जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय ऐसे व्यक्तियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह कैसे बन गया, क्योंकि कुछ शिक्षित लोगों के ‘‘पाकिस्तान समर्थित आकाओं के इशारे पर काम करने’’ का पता चला है। फरीदाबाद में इसी विश्वविद्यालय के पास से कुछ डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था।
