दिल्ली के लाल किले के सामने हुए कार विस्फोट में मिली अज्ञात लाश की पहचान हो गई है। डीएनए मिलान से पता चला है कि यह शव कथित आत्मघाती हमलावर डॉक्टर उमर का है। एम्स के फॉरेंसिक विभाग के सूत्रों के अनुसार, विस्फोट से पहले डॉक्टर उमर तीन घंटे तक पार्किंग में कार के अंदर बैठा रहा था। सरकार ने इस घटना को जघन्य आतंकी घटना बताया है और अपराधियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाने के निर्देश दिए हैं। मामले की जांच तेजी से की जा रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति दोहराई है।
Highlights
ज़रूर, यहाँ लेख के मुख्य अंश 30 शब्दों में दिए गए हैं:
दिल्ली के लाल किले के सामने कार विस्फोट में मिले अज्ञात शव की पहचान डॉक्टर उमर के रूप में हुई। डीएनए मिलान से पुष्टि, शुरुआती जांच में कार में तीन घंटे तक उपस्थिति मिली। सरकार ने घटना को आतंकी हमला बताया।
दिल्ली लाल किला ब्लास्ट: रहस्य से पर्दा उठा!
एक दुखद कहानी का अंत?
दिल्ली के लाल किले के सामने हुए दर्दनाक कार विस्फोट ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। उस विस्फोट में एक अज्ञात शव के अवशेष मिले थे, जिसने अनगिनत सवाल खड़े कर दिए थे। अब, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उस अज्ञात शव की पहचान हो गई है।
- यह पहचान डीएनए मिलान के जरिए हुई है और माना जा रहा है कि यह शव डॉक्टर उमर का है, जिसे कथित आत्मघाती हमलावर बताया जा रहा है।
- हालांकि, एम्स के फॉरेंसिक विभाग की अंतिम रिपोर्ट आना अभी बाकी है, लेकिन इस खुलासे ने मामले को एक नया मोड़ दे दिया है।
"यह सिर्फ एक शरीर नहीं है, यह किसी का बेटा, भाई और शायद पति भी था। हिंसा कभी भी जवाब नहीं हो सकती," एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा।
जांच में क्या सामने आया?
विस्फोट के बाद पुलिस और जांच एजेंसियां हरकत में आ गईं। शुरुआती जांच में कुछ महत्वपूर्ण बातें सामने आईं:
- सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि विस्फोट से पहले i20 कार घटनास्थल के पास तीन घंटे तक खड़ी रही।
- डॉ. उमर भी कार के अंदर बैठे रहे।
इन तथ्यों ने डॉ. उमर पर शक गहरा दिया, जिसके बाद शव के डीएनए सैंपल लेकर जांच की गई। कश्मीर में उनकी मां और भाई के सैंपल भी लिए गए और उनका मिलान किया गया।
सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
इस घटना को सरकार ने गंभीरता से लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस विस्फोट को "जघन्य आतंकी घटना" बताया गया।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित कर अपराधियों, उनके सहयोगियों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाने की बात कही।
- मंत्रिमंडल ने आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति को दोहराया।
- मृतकों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा गया।
"यह सिर्फ एक घटना नहीं है, यह हमारे देश पर हमला है। हम आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे," गृह मंत्री ने कहा।
डीएनए प्रोफाइलिंग: एक जटिल प्रक्रिया
फॉरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार, डीएनए प्रोफाइलिंग एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई चरण शामिल होते हैं। आमतौर पर इसमें तीन दिन से लेकर एक सप्ताह तक का समय लग सकता है, लेकिन आपात स्थिति में यह एक दिन में भी संभव है।
आगे क्या?
भले ही शव की पहचान हो गई हो, लेकिन जांच अभी खत्म नहीं हुई है। पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं ताकि यह पता चल सके कि इस हमले के पीछे कौन लोग थे और उनका मकसद क्या था।
- इस घटना ने एक बार फिर आतंकवाद के खतरे को उजागर कर दिया है।
- यह जरूरी है कि हम सब मिलकर इस खतरे का मुकाबला करें और शांति और सद्भाव बनाए रखने में अपना योगदान दें।
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FAQ
ज़रूर, यहाँ इस घटना पर आधारित 8 FAQ दिए गए हैं:
1. दिल्ली के लाल किले के सामने कार में विस्फोट कब हुआ और क्या हुआ था?
दिल्ली के लाल किले के सामने एक हुंडई i20 कार में विस्फोट हुआ। कार से एक अज्ञात शव के अवशेष मिले थे।
2. शव की पहचान कैसे हुई?
शव की पहचान डीएनए मिलान के जरिए हुई। डीएनए कथित आत्मघाती हमलावर डॉक्टर उमर के डीएनए से मेल खाता था।
3. डॉक्टर उमर कौन था और उस पर क्या आरोप थे?
डॉक्टर उमर को एक आत्मघाती हमलावर माना जा रहा था।
4. डीएनए मिलान प्रक्रिया में कितना समय लगा?
सामान्य तौर पर डीएनए मिलान में तीन दिन से लेकर एक सप्ताह का समय लगता है, लेकिन आपात स्थिति में यह एक दिन में भी संभव है।
5. सरकार ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
सरकार ने दिल्ली विस्फोट को जघन्य आतंकी घटना बताया और अपराधियों, उनके सहयोगियों और प्रायोजकों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाने का निर्देश दिया।
6. विस्फोट से पहले कार का क्या व्यवहार देखा गया?
सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि विस्फोट से पहले कार तीन घंटे तक घटनास्थल के पास पार्किंग में खड़ी रही थी।
7. जांच में और क्या जानकारी सामने आई है?
जांच में यह भी पता चला कि कार फरीदाबाद से आई थी।
8. क्या जांच पूरी हो गई है?
एम्स के फॉरेंसिक विभाग के अनुसार अंतिम रिपोर्ट तैयार होने में अभी कुछ समय लग सकता है। हालांकि, डीएनए मिलान से पहचान की पुष्टि हो गई है।
