असीम रावत, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, ने 14 साल टेक सेक्टर में बिताने के बाद डेयरी फार्मिंग शुरू की। उन्होंने ‘हेथा ऑर्गेनिक’ नाम से देशी गायों का कारोबार शुरू किया। गाजियाबाद के रहने वाले असीम के पास आज 1,000 से ज्यादा गायें, 130 प्रोडक्ट और 110 से अधिक कर्मचारी हैं। उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा है। एक डिबेट में देसी गायों को डेयरी के लिए अनुपयुक्त बताने पर असीम ने यह साबित करने की ठानी कि देसी गायों से भी सफल व्यवसाय बनाया जा सकता है। उन्होंने 2015 में हेथा की शुरुआत की और कई राज्यों का दौरा किया। उनके पास गिर, थारपारकर, साहिवाल और बद्री नस्ल की गायें हैं। हेथा के उत्पाद अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध हैं।
Highlights
ज़रूर, यहाँ लेख के मुख्य अंश हिंदी में दिए गए हैं:
* असीम रावत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग शुरू की। (Asim Rawat left his software engineering job and started dairy farming.)
* उन्होंने ‘हेथा ऑर्गेनिक’ नाम से कंपनी शुरू की, जिसके पास 1,000 से ज्यादा गायें हैं। (He started a company called ‘Hetha Organic’ which has more than 1,000 cows.)
* उनकी कंपनी सालाना 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाती है। (His company earns more than ₹10 crores annually.)
* असीम ने देसी गायों को बढ़ावा देने और शुद्ध डेयरी प्रोडक्ट्स बेचने के लिए यह काम शुरू किया। (Asim started this work to promote indigenous cows and sell pure dairy products.)
ज़रूर, यहाँ असीम रावत की कहानी का हिंदी में भावनात्मक, जानकारीपूर्ण, और कार्रवाई योग्य पुन: लेखन है, जिसमें सांख्यिकीय गहराई भी शामिल है:
तकनीक की चकाचौंध से गोशाला की छांव तक: असीम रावत की प्रेरणादायक कहानी
एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का डेयरी फार्मिंग में अप्रत्याशित सफर
आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है, जहाँ इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए अवसरों की भरमार है। लेकिन असीम रावत की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता की परिभाषा हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है। 14 साल तक टेक सेक्टर में चमकने के बाद, असीम ने एक ऐसा रास्ता चुना जो उन्हें प्रकृति और अपने देश की जड़ों के करीब ले गया: डेयरी फार्मिंग।
गाजियाबाद का बेटा, जिसने सपने को हकीकत में बदला
असीम रावत, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी कंपनी, हेथा ऑर्गेनिक कंपनी (Hetha Organic Company) की शुरुआत देशी गायों को बचाने और शुद्ध दूध उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की थी। आज, डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, असीम के पास 1,000 से ज़्यादा गायें, 130 से ज़्यादा उत्पाद, और 110 से ज़्यादा कर्मचारी हैं। उनकी कंपनी 5 फार्म लोकेशंस पर फैली है और सालाना 10 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार करती है। यह एक ऐसा करिश्माई बदलाव है जो हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देता है।
मध्यवर्गीय सपने, और असीम का अनूठा फैसला
असीम एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं, जहाँ सरकारी नौकरी या किसी बड़ी प्राइवेट कंपनी में काम करना सफलता का पैमाना माना जाता है। उनके पिता भी इंजीनियर थे, इसलिए असीम ने भी उसी राह पर चलने का फैसला किया। उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और कोलकाता-बेंगलुरु जैसे शहरों के साथ-साथ विदेशों में भी काम किया।
ज़िन्दगी अच्छी चल रही थी, लेकिन असीम के दिल में एक खालीपन था। वे सिर्फ़ पैसा कमाने से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें कुछ ऐसा करना था जो उन्हें सच्ची खुशी दे और समाज को भी फायदा पहुंचाए।
कैसे बदला असीम का नजरिया
एक दिन, असीम ने टीवी पर एक डिबेट देखी जिसमें एक वक्ता कह रहा था कि देसी गायें डेयरी फार्मिंग के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि वे कम दूध देती हैं। उनका तर्क था कि डेयरियां केवल भैंसों और विदेशी नस्लों से ही चल सकती हैं। यह बात असीम को अंदर तक छू गई।
वह तुरंत समझ गए कि उन्हें कुछ करना होगा। उन्होंने यह साबित करने का फैसला किया कि देसी गायों से भी एक सफल और लाभदायक डेयरी व्यवसाय बनाया जा सकता है। यह सिर्फ़ एक व्यवसाय नहीं था, यह एक मिशन था।
परिवार की चिंता और असीम का अटूट विश्वास
असीम ने अपने डेयरी फार्मिंग के विचार के बारे में अपने परिवार को बताया, तो वे चिंतित हो गए। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर गायों को कैसे पाल सकता है? लेकिन असीम ने उन्हें मनाया, दो देसी गायें खरीदीं, और अपना काम शुरू कर दिया। यहीं से हेथा ऑर्गेनिक और असीम की सफलता की कहानी शुरू हुई।
2015: एक नए सफर की शुरुआत
असीम ने हेथा की शुरुआत दिसंबर 2015 में की थी। उनका शुरुआती मकसद देसी गायों को बढ़ावा देना, शुद्ध और औषधीय दूध और डेयरी उत्पाद बेचना, और खेती-बाड़ी की परंपरा को व्यवसाय में बदलना था। बिजनेस में सफलता पाने और सीखने-जानने के लिए उन्होंने कई राज्यों का दौरा किया।
अपनी यात्राओं में, वह निराश हुए क्योंकि ज़्यादातर डेयरियां हाइब्रिड नस्लों या देसी भैंसों पर निर्भर थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और खुद ही प्रयोग करना, जोखिम लेना और एक मॉडल बनाना शुरू किया।
असीम के फार्म की चार अनमोल नस्लें
- गिर: गुजरात की यह नस्ल अपनी उच्च दूध उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है।
- थारपारकर: राजस्थान की यह नस्ल गर्मी में भी जीवित रहने की क्षमता रखती है।
- साहिवाल: पंजाब की यह नस्ल अच्छी गुणवत्ता और औषधीय गुणों वाले दूध के लिए प्रसिद्ध है।
- बद्री: उत्तराखंड की यह पहाड़ी नस्ल कम दूध देती है, लेकिन इसका दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
आज, हेथा के पास उत्तराखंड के चंपावत जिले में तीन और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और बुलंदशहर में दो फार्म हैं। हेथा के 130 नेचुरल प्रोडक्ट्स अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध हैं, जिनमें दूध, घी, सरसों का तेल, च्यवनप्राश, शहद, पनीर, खोवा, चीज और बटर मिल्क शामिल हैं।
आप भी बन सकते हैं बदलाव का हिस्सा!
असीम रावत की कहानी हमें सिखाती है कि अगर हम अपने सपनों पर विश्वास रखें और कड़ी मेहनत करें, तो कुछ भी मुमकिन है। तो, क्या आप भी बदलाव का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं?
आगे बढ़ें:
- हेथा ऑर्गेनिक के उत्पादों को खरीदें और देसी गायों को बचाने में मदद करें।
- डेयरी फार्मिंग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने पर विचार करें।
- अपने दोस्तों और परिवार के साथ असीम रावत की प्रेरणादायक कहानी साझा करें।
"सफलता वो नहीं है जो आप पाते हैं, बल्कि वो है जो आप देते हैं।" – असीम रावत
FAQ
ज़रूर, मैं इस पाठ पर आधारित 9 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) हिंदी में तैयार कर सकता हूँ:
असीम रावत की डेयरी फार्मिंग सफलता पर 9 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):
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असीम रावत कौन हैं और उन्होंने डेयरी फार्मिंग क्यों शुरू की?
- असीम रावत एक पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जिन्होंने 14 साल टेक सेक्टर में बिताने के बाद डेयरी फार्मिंग शुरू की। उन्होंने देसी गायों की डेयरी फार्मिंग क्षमता को साबित करने और शुद्ध, औषधीय डेयरी उत्पाद बेचने के उद्देश्य से "हेथा ऑर्गेनिक कंपनी" शुरू की।
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असीम रावत की कंपनी का नाम क्या है और यह क्या करती है?
- असीम रावत की कंपनी का नाम "हेथा ऑर्गेनिक कंपनी" है। यह देसी गायों के दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन और बिक्री करती है, साथ ही खेती-बाड़ी की परंपरा को बिजनेस में बदलने पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
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असीम रावत का डेयरी फार्मिंग बिजनेस कहां स्थित है?
- हेथा ऑर्गेनिक के 5 फार्म हैं: उत्तराखंड के चंपावत जिले में तीन और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और बुलंदशहर में दो।
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असीम रावत के पास कितनी गायें हैं और वे किस नस्ल की हैं?
- असीम रावत के पास 1,000 से ज्यादा गायें हैं। इनमें गिर (गुजरात), थारपारकर (राजस्थान), साहिवाल (पंजाब), और बद्री (उत्तराखंड) नस्लें शामिल हैं।
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हेथा ऑर्गेनिक किन उत्पादों का उत्पादन करती है?
- हेथा ऑर्गेनिक 130 से ज्यादा नेचुरल प्रोडक्ट्स बनाती है, जिनमें दूध, घी, सरसों का तेल, च्यवनप्राश, शहद, पनीर, खोवा, चीज और बटर मिल्क शामिल हैं।
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हेथा ऑर्गेनिक के उत्पाद कहां उपलब्ध हैं?
- हेथा ऑर्गेनिक के उत्पाद अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध हैं।
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असीम रावत की कंपनी की सालाना कमाई कितनी है?
- असीम रावत की कंपनी सालाना 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाती है।
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असीम रावत ने डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए क्या प्रेरणा ली?
- असीम रावत को एक टीवी डिबेट से प्रेरणा मिली, जिसमें दावा किया गया था कि देसी गायें डेयरी फार्मिंग के लिए उपयुक्त नहीं हैं। उन्होंने यह साबित करने का फैसला किया कि देसी गायों से भी एक सफल और प्रॉफिटेबल डेयरी बिजनेस बनाया जा सकता है।
- असीम रावत के परिवार की इस निर्णय पर क्या प्रतिक्रिया थी?
- असीम रावत के परिवार को चिंता थी कि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर गायों को कैसे पाल सकता है। हालांकि, असीम ने उन्हें मनाया और अपना काम शुरू किया।
मुझे उम्मीद है कि ये FAQ आपके लिए उपयोगी होंगे!