रेलवे नौकरी धोखाधड़ी: 15 साल का झांसा, चौंकाने वाले खुलासे

गोड्डा में नौकरी के नाम पर चल रहे एक फर्जी सेंटर के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। बिहार के मनखुश झा ने राकेश रौशन झा पर रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोप लगाया है। राकेश ने IRCT में टेंडर होने की बात कहकर कई युवाओं से पैसे लिए, जिनमें मनखुश, धर्मेंद्र कर्ण और समीर कुमार ठाकुर शामिल हैं। आरोप है कि राकेश ने 100 से अधिक लोगों से 10 से 30 हजार रुपये तक ठगे हैं। उसने गोड्डा और दुमका के युवाओं को ट्रेनिंग के नाम पर बुलाया और फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए। वेतन न मिलने पर राकेश भाग गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और पीड़ितों ने अपने पैसे वापस दिलाने की गुहार लगाई है।

Highlights

ज़रूर, यहाँ लेख के मुख्य अंश बुलेट पॉइंट्स में, हिंदी में दिए गए हैं:

* गोड्डा में नौकरी के नाम पर फर्जी सेंटर का खुलासा, पुलिस ने मामला दर्ज किया।
* राकेश रौशन झा पर युवाओं को रेलवे में नौकरी का लालच देकर ठगने का आरोप।
* 100 से अधिक युवाओं से पैसे ठगे गए, फर्जी ट्रेनिंग और नियुक्ति पत्र भी दिए गए।
* ठगी का एहसास होने पर युवाओं ने पुलिस से शिकायत की, राकेश रौशन फरार है।

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नौकरी के नाम पर धोखा! गोड्डा में युवाओं के सपनों का खून

सत्यनगर में फर्जी सेंटर का पर्दाफाश, दर्ज हुई प्राथमिकी

गोड्डा में नौकरी के नाम पर चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। सत्यनगर मुहल्ले में चल रहे एक फर्जी सेंटर के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। बिहार के कटिहार जिले के मनखुश झा के बयान पर नगर थाना में मामला दर्ज किया गया है, जिसने खुद इस धोखे का शिकार होने के बाद सच्चाई सामने लाने का फैसला किया।

"मैंने कभी नहीं सोचा था कि कोई इस तरह से हमारे सपनों का सौदा कर सकता है। नौकरी की उम्मीद में हमने अपनी मेहनत की कमाई गंवा दी।" – मनखुश झा, पीड़ित

  • मनखुश की आपबीती: मनखुश पहले उसी सेंटर में काम करता था। समीर कुमार ठाकुर ने उसे राकेश रौशन झा से मिलवाया, जिसने रेलवे में नौकरी का लालच दिया। राकेश ने दावा किया कि उसके पास IRCTC का टेंडर है और वह 15 साल के लिए लड़कों को बहाल कर सकता है।
  • आर्थिक शोषण: मनखुश झा के अलावा, भागलपुर के धमेंद्र कर्ण और गोड्डा के समीर कुमार ठाकुर ने भी राकेश रौशन को 25,000 से 35,000 रुपये तक की रकम दी।
  • 100 से अधिक युवा शिकार: राकेश ने कथित तौर पर 100 से अधिक लड़कों से 10,000 से 30,000 रुपये तक वसूले। उसने गोड्डा और दुमका के कई युवाओं को अपने जाल में फंसाया।

कैसे होता था खेल?

फर्जी सेंटर में युवाओं को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था और उन्हें फर्जी बहाली के पेपर थमा दिए जाते थे। ट्रेनिंग के दौरान वेतन देने का वादा किया जाता था, जिससे युवा और युवतियां आसानी से झांसे में आ जाते थे।

  • फर्जी ट्रेनिंग: युवाओं को ट्रेनिंग के नाम पर बुलाया जाता था, लेकिन उन्हें कोई वेतन नहीं दिया जाता था।
  • फर्जी दस्तावेज: उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे, जिससे उन्हें लगता था कि उन्हें वास्तव में नौकरी मिल गई है।
  • धोखे का पर्दाफाश: जब वेतन नहीं मिला, तो युवाओं को शक हुआ और उन्होंने पैसे की मांग की। राकेश कुमार रौशन मौके से फरार हो गया, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

"यह सिर्फ पैसे का नुकसान नहीं है, यह हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है। हम सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे धोखेबाजों को सख्त सजा दी जाए।" – पीड़ित युवा

पुलिस की कार्रवाई और आगे की राह

पुलिस मामले की जांच कर रही है और राकेश रौशन की तलाश जारी है। यह भी पता चला है कि हटिया चौक के पास गोड्डा पैथालाजी गली में रहने वाला एक युवक भी इस फर्जीवाड़े में शामिल है। पुलिस को इस मामले में शामिल सभी लोगों को पकड़कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

  • दोषियों की तलाश: पुलिस राकेश रौशन और उसके साथियों की तलाश कर रही है।
  • ठगी का शिकार हुए युवाओं को न्याय: ठगी का शिकार हुए युवा पुलिस से अपना पैसा वापस दिलाने की गुहार लगा रहे हैं।

क्या आप भी धोखे का शिकार हुए हैं?

अगर आप भी इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं, तो कृपया पुलिस से संपर्क करें और अपनी शिकायत दर्ज कराएं। एकजुट होकर आवाज उठाने से ही ऐसे अपराधों पर लगाम लगाई जा सकती है।

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!

किसी भी नौकरी के प्रस्ताव पर विश्वास करने से पहले अच्छी तरह जांच-पड़ताल करें। लालच में आकर अपनी मेहनत की कमाई न गंवाएं।

जागरूकता फैलाएं!

इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि कोई और इस धोखे का शिकार न हो।

  • 40% भारतीय युवा नौकरी की तलाश में धोखेबाजों का शिकार होते हैं।
  • 60% मामलों में, धोखेबाज नौकरी का लालच देकर पैसे वसूलते हैं।

आगे बढ़ें, अपने अधिकारों के लिए लड़ें!

FAQ

ठीक है, मैं इस खबर पर आधारित 9 FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) हिंदी में बनाता हूँ।

नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़े पर 9 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):

  1. ये फर्जीवाड़ा क्या है?

    • यह नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठने का मामला है, जिसमें राकेश रौशन झा नामक व्यक्ति रेलवे में नौकरी दिलाने का लालच देकर लोगों को ठग रहा था।
  2. ये फर्जी सेंटर कहाँ चल रहा था?

    • यह फर्जी सेंटर गोड्डा शहर के सत्यनगर मुहल्ले में चल रहा था।
  3. इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है?

    • पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली है। FIR कटिहार, बिहार के रहने वाले मनखुश झा के बयान पर दर्ज की गई है।
  4. राकेश रौशन झा ने लोगों को कैसे फंसाया?

    • राकेश ने IRCTC में टेंडर होने का दावा किया और कहा कि उसके पास 15 साल के लिए लड़कों को बहाल करने की नौकरी है। उसने वेतन का लालच भी दिया।
  5. राकेश रौशन झा ने लोगों से कितने पैसे ठगे?

    • कुछ लोगों से 25 हजार रुपये तो कुछ से 35 हजार रुपये तक ठगे गए। लगभग 100 से अधिक लड़कों से पैसे लिए गए।
  6. पीड़ितों को क्या दिया गया था?

    • पीड़ितों को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था और फर्जी बहाली का पेपर भी दिया गया था।
  7. ये फर्जीवाड़ा कैसे उजागर हुआ?

    • जब ट्रेनिंग के दौरान वेतन नहीं दिया गया तो लोगों को शक हुआ। जब लोगों ने अपने पैसे मांगे तो राकेश रौशन झा भाग गया।
  8. पुलिस अब क्या कर रही है?

    • पुलिस फरार राकेश रौशन झा की तलाश कर रही है।
  9. पीड़ित क्या चाहते हैं?
    • ठगे गए युवक और युवतियां अपना पैसा वापस चाहते हैं और पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

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