देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण हैं, जो भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने का प्रतीक है। इस दिन दीपदान का विशेष महत्व है, जिससे भगवान विष्णु और लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। 5, 7, 11, 21 या 108 दीपक जलाना शुभ माना जाता है, विशेष रूप से विष्णु और पंचदेवों को समर्पित करते हुए। तुलसी माता, घर के द्वार, रसोई में, और पीपल के पेड़ के नीचे भी दीपक जलाएं। घी का दीपक सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, न होने पर तिल का तेल इस्तेमाल करें। 11,000 दीपक जलाने का विशेष फल है।
Highlights
ज़रूर, यहाँ लेख के मुख्य अंश हिंदी में हैं:
* देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह पर दीपदान का विशेष महत्व है.
* इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं, शुभ कार्य शुरू होते हैं.
* 5, 7, 11, 21, या 108 दीपक जलाना शुभ माना जाता है.
* भगवान विष्णु, तुलसी माता, पंचदेवों को दीपक समर्पित करें.
* घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं, सकारात्मक रहें.
देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह: दीपदान का महत्व
अंतिम अपडेट: नवंबर 01, 2025, 13:45 IST
प्रकाश का पर्व, आस्था का संगम
प्रिय पाठकों, देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह, ये सिर्फ तिथियां नहीं, बल्कि हमारी आस्था और संस्कृति के प्रतीक हैं। ये दिन भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने और सृष्टि का भार पुनः संभालने का उत्सव है। यह धर्म, विवाह, संपन्नता और सौभाग्य की शुरुआत का दिन है। इन पावन दिनों में दीपदान का विशेष महत्व है, जिससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह:
- भगवान विष्णु के जागने का दिन
- शुभ कार्यों की शुरुआत
- धर्म, विवाह, संपन्नता और सौभाग्य का प्रतीक
“दीपदान अंधकार को दूर भगाता है और ज्ञान का प्रकाश फैलाता है।” – प्राचीन मान्यता
कितने दीपक जलाएं?
शास्त्रों में कोई निश्चित संख्या नहीं है, पर श्रद्धा और भक्ति से जलाए गए दीपक अनगिनत आशीष लाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 5, 7, 11, 21, 51 या 108 दीपक जलाना शुभ माना जाता है। हर दीपक आपके विश्वास और प्रेम की अभिव्यक्ति है।
दीपदान का मार्गदर्शन:
- पंचदेवों को समर्पित करें: भगवान गणेश, शिव, दुर्गा, सूर्य नारायण और विष्णु के लिए 5 दीपक जलाएं। ये पंचतत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं और परिवार में सुख-शांति लाते हैं।
- भगवान विष्णु और शालीग्रामजी: चौकी पर घी का चारमुखी दीपक जलाएं, जो चारों दिशाओं से सुख और शांति लाता है।
- तुलसी माता: कम से कम 5 दीपक जलाएं, क्योंकि तुलसी माता को लक्ष्मी का रूप माना जाता है।
- मुख्य द्वार: घर के दोनों ओर 2 दीपक जलाएं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
- अन्नपूर्णा माता: रसोई में एक दीपक जलाएं, जिससे घर में कभी अन्न की कमी न हो।
- पीपल का पेड़: एक दीपक पीपल के पेड़ के नीचे रखें, क्योंकि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है।
- मंदिर: घर के पास के मंदिर में कम से कम 5 दीपक जलाएं, जिससे सभी देवताओं का आशीर्वाद मिले।
सांख्यिकी गहराई:
- माना जाता है कि देव उठनी एकादशी पर 11,000 दीपक जलाने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- अनुमान है कि इस दिन भारत में लाखों परिवार दीपदान करते हैं, जिससे यह एक विशाल धार्मिक आयोजन बन जाता है।
दीपदान:
- 5, 7, 11, 21, 51 या 108 दीपक जलाएं
- पंचदेवों को समर्पित करें
- घर के विभिन्न स्थानों पर दीपक जलाएं
“एक दीपक से दूसरा दीपक जलाने से प्रकाश कम नहीं होता, बल्कि बढ़ता है। इसी तरह, ज्ञान बांटने से बढ़ता है।”
घी या तेल?
आप शुद्ध घी या तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं। गाय के घी का दीपक सबसे श्रेष्ठ माना गया है, जो विष्णु कृपा, लक्ष्मी-स्मृति और पितृशांति प्रदान करता है। अगर घी उपलब्ध नहीं है, तो तिल का तेल भी शुभ है।
एक निवेदन:
देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह के इस पावन अवसर पर, आइए हम सब मिलकर दीपदान करें और अपने जीवन को प्रकाशमय बनाएं।
कार्रवाई (CTA):
इस देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह पर, संकल्प लें कि आप दीपदान करेंगे और अपने जीवन को सकारात्मकता और समृद्धि से भर देंगे। न्यूज़18 को गूगल पर अपना पसंदीदा समाचार स्रोत बनाने के लिए यहां क्लिक करें!
FAQ
ज़रूर, यहाँ दिए गए लेख के आधार पर 5 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) हैं:
1. देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह के दिन दीपदान का क्या महत्व है?
उत्तर: देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह के दिन दीपदान का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान श्रीहरि के योगनिद्रा से जागने का प्रतीक है. यह दिन धर्म, विवाह, संपन्नता और सौभाग्य की शुरुआत का दिन माना जाता है. इस दिन दीपदान करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
2. देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह पर कितने दीपक जलाने चाहिए?
उत्तर: इस पवित्र दिन पर कितने दीपक जलाने चाहिए, इसका कोई खास नियम नहीं है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार, 5, 7, 11, 21, 51 और 108 दीपक जलाना शुभ माना जाता है.
3. देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह पर दीपक जलाने के लिए किस तेल या घी का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: देव उठनी एकादशी व्रत और तुलसी विवाह के दिन आप शुद्ध घी या तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं. गाय के घी का दीपक सबसे श्रेष्ठ और पुण्यदायी माना गया है. अगर आप घी का प्रयोग नहीं कर सकते हैं तो तिल का तेल भी जला सकते हैं.
4. देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह पर दीपक कहाँ-कहाँ जलाने चाहिए?
उत्तर:
- भगवान विष्णु और शालीग्रामजी की चौकी पर घी का एक चारमुखी दीपक जलाना चाहिए.
- तुलसी माता के पास कम से कम 5 दीपक जलाने चाहिए.
- घर के मुख्य द्वार पर 2 दीपक जलाएं (दोनों ओर).
- किचन में एक दीपक अन्नपूर्णा माता के नाम का जलाएं.
- 1 दीपक पीपल के पेड़ के नीचे रखकर आएं.
- कम से कम 5 दीपक घर के पास के मंदिर में जलाकर आएं.
5. पंचदेव को दीपक समर्पित करने का क्या महत्व है?
उत्तर: देव उठनी एकादशी व्रत और तुलसी विवाह में 5 दीपक पंचदेव (भगवान गणेश, भगवान शिव, देवी दुर्गा, सूर्य नारायण और भगवान विष्णु) के लिए भी जलाएं. ये 5 दीपक पंचतत्वों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. पंचदेव के लिए दीपक जलाने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है और पंचदेवों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
