आज हम एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं जो झूठ, फरेब और धोखे के इर्द-गिर्द घूमती है। एक ऐसी कहानी जिसका एक किरदार है हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान, जो बार-बार झूठ बोलता है, और दूसरा किरदार है हमारा भारत, जो हर बार उस झूठ का पर्दाफाश कर देता है।
कहते हैं न कि तारीख बदल जाती है, सरकारें बदल जाती हैं, लेकिन पाकिस्तान के झूठ बोलने की आदत नहीं बदलती। उनका आलम तो ये है कि झूठ पे झूठ, फरेब पे फरेब, और धोखे पे धोखा! जैसे ही सूरज निकलता है, पाकिस्तान एक नया झूठ गढ़ लेता है। और ये झूठ सिर्फ छोटे-मोटे नहीं होते, बल्कि इनका सीधा संबंध भारत से होता है, हमारी सुरक्षा से होता है, हमारी सेना से होता है।
आप सबने देखा होगा कि पिछले कुछ सालों में, खासकर 2019 के पुलवामा हमले के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा था। बालाकोट एयरस्ट्राइक हुई, और उसके बाद पाकिस्तान ने कई हवाई हमले की कोशिशें कीं जिन्हें हमारी भारतीय वायुसेना ने नाकाम कर दिया। इसी दौरान पाकिस्तान ने पूरी दुनिया के सामने कई झूठे दावे किए। झूठ बोला कि उनके F-16 से हमारा विमान गिराया। लेकिन इस बार पाकिस्तान ने एक ऐसा झूठ बोला, और उसे साबित करने के लिए ऐसी तैयारी दिखाई कि दुनिया भी कुछ देर के लिए हैरान रह गई।
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण एयरबेस को तबाह कर दिया है। सिर्फ दावा नहीं, बल्कि सबूत भी पेश किए। सैटेलाइट इमेज, वीडियो, ग्राफिक्स… सब कुछ। मानो इस झूठ को सच बनाने के लिए पाकिस्तान ने पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन फिर आया भारत का जवाब, और वो भी किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस या बयानबाजी से नहीं, बल्कि सीधे मौके से।
आज हम उसी झूठ की पड़ताल करेंगे। जानेंगे कि पाकिस्तान ने आदमपुर एयरबेस को लेकर क्या कहानी गढ़ी, उसे साबित करने के लिए क्या-क्या फर्जीवाड़े किए, और कैसे भारत के एक सिंपल से कदम ने पाकिस्तान के इस सबसे बड़े झूठ का भंडाफोड़ कर दिया। ये कहानी सिर्फ एक झूठ के उजागर होने की नहीं है, बल्कि ये कहानी है पाकिस्तान की उस दुनिया की, जो हकीकत से कोसों दूर है, और भारत के उस करारे जवाब की, जो पाकिस्तान को आईना दिखा देता है। तैयार हो जाइए, क्योंकि ये कहानी आपको हैरान भी करेगी और शायद थोड़ी हंसी भी दिलाएगी।
ये कहानी शुरू होती है पाकिस्तान के एक चौंकाने वाले दावे से। सोचिए दोस्तों, एक देश पूरी दुनिया के सामने खड़ा होकर कहता है कि उसने अपने दुश्मन देश के एक महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। और ये दावा किसी हवा-हवाई बातचीत में नहीं, बल्कि बकायदा सबूतों के साथ किया गया। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के उस झूठे प्रोपेगेंडा की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने भारत के आदमपुर एयरबेस को नेस्तनाबूद कर दिया है।
पाकिस्तान का ये झूठ कितना बड़ा और कितना सोचा समझा था, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाइए कि उन्होंने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। सिर्फ एक बयान नहीं दिया, बल्कि उसके साथ “सबूत” भी जारी किए। उन्होंने कथित तौर पर सैटेलाइट इमेजेस दिखाईं, कुछ वीडियोज़ जारी किए, और बड़े-बड़े ग्राफिक्स बनवाए। उनका मकसद साफ था – दुनिया को ये दिखाना कि उन्होंने भारत के एक बड़े एयरबेस को तबाह कर दिया है। उन्होंने बकायदा दिखाया कि कैसे आदमपुर एयरबेस पर मौजूद रनवे, हैंगर और दूसरी इमारतें तबाह हो गई हैं। उनकी मीडिया, उनके नेता, उनके सोशल मीडिया हैंडल्स… हर जगह यही कहानी चल रही थी। “देखो हमने भारत को कितना नुकसान पहुंचाया है! देखो हमने आदमपुर एयरबेस को मिट्टी में मिला दिया!”
लेकिन पाकिस्तान ने आदमपुर एयरबेस को ही क्यों चुना अपने इस झूठ के लिए? क्या आदमपुर इतना खास है? जी हाँ, आदमपुर एयरबेस भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये पंजाब में स्थित है, जो पाकिस्तान सीमा के काफी करीब है। लेकिन इसकी अहमियत सिर्फ इसकी लोकेशन नहीं है। आदमपुर एयरबेस का भारत-पाकिस्तान के इतिहास में एक खास स्थान है। 1965 और 1971 की जंगों में इस एयरबेस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हमारी वायुसेना ने यहीं से उड़ानें भरकर पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया था।
इतिहास गवाह है कि इन दोनों जंगों में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी। 1971 में तो उनके 93,000 से ज़्यादा सैनिकों ने हमारे सामने सरेंडर किया था। तो, पाकिस्तान के दिल में आदमपुर को लेकर एक पुरानी कसक थी, 65 और 71 की हार का बदला लेने की एक अधूरी ख्वाहिश। और इसीलिए, जब उन्हें मौका मिला (या यूँ कहें कि जब उन्होंने झूठ बोलने का फैसला किया), तो उन्होंने आदमपुर को ही चुना। उन्हें लगा कि इस एयरबेस को तबाह करने का दावा करके वो अपनी पुरानी हार का बदला ले लेंगे।
उन्होंने दावा तो कर दिया, और सबूत भी फर्जी वाले दिखा दिए। लेकिन ये झूठ कितना खोखला था, ये जल्द ही सबके सामने आने वाला था। पाकिस्तान ने जो तस्वीरें दिखाईं, जो सैटेलाइट इमेज जारी कीं, वो या तो पुरानी थीं, या किसी और जगह की थीं। उन्होंने गाज़ा या सीरिया में हुए हमलों की पुरानी तस्वीरें उठाईं, या फिर भारतीय वायुसेना के पुराने MiG विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की तस्वीरें इस्तेमाल कीं (जो 2021 और 2024 में हुई थीं), और उन्हें आदमपुर एयरबेस की तबाही बताकर पेश कर दिया। सोचिए, झूठ को सच साबित करने के लिए क्या-क्या हथकंडे अपनाए गए! उनकी पूरी तैयारी थी दुनिया को गुमराह करने की।
उनकी मीडिया तो चिल्ला-चिल्ला कर कह रही थी कि आदमपुर एयरबेस अब सालों तक बंद रहेगा, क्योंकि पाकिस्तान ने इतना डैमेज कर दिया है कि उसे ठीक होने में बहुत वक्त लगेगा। वो साल भर की बात कर रहे थे! उन्हें लगा कि भारत अब इस एयरबेस से कोई ऑपरेशन नहीं कर पाएगा। पाकिस्तान शायद अपनी “ख्वाबों की दुनिया” में इतना खो गया था कि उसने हकीकत का अंदाज़ा ही नहीं लगाया।
ये कहानी सिर्फ एक झूठ की नहीं है, बल्कि उस मानसिकता की है जो हार को भी जीत बता दे। पाकिस्तान ने सोचा कि वो डिजिटल सबूतों के ज़रिए दुनिया को यकीन दिला देगा। लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि भारत का जवाब सिर्फ शब्दों या तस्वीरों में नहीं होता, भारत का जवाब सीधे एक्शन में होता है। और भारत ने जो जवाब दिया, वो पाकिस्तान के इस बड़े झूठ पर सबसे करारा तमाचा था।
कहते हैं न कि झूठ के पाँव नहीं होते। पाकिस्तान ने आदमपुर एयरबेस को लेकर इतना बड़ा झूठ बोला, इतने फर्जी सबूत पेश किए कि लगा कि शायद दुनिया एक पल के लिए तो उन पर यकीन कर ही लेगी। लेकिन फिर भारत का जवाब आया, और वो जवाब इतना सटीक और इतना दमदार था कि पाकिस्तान की सारी तैयारी धरी की धरी रह गई। ये भारत का वो स्टाइल है जो सीधे दिल पर वार करता है, और पाकिस्तान के मामले में तो सीधे झूठ पर वार करता है।
भारत का जवाब आया 13 तारीख को, यानी पाकिस्तान के दावे के ठीक अगले दिन। कोई लंबी-चौड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं, कोई बड़े-बड़े बयान नहीं। सिर्फ एक तस्वीर, जिसने पाकिस्तान के सारे झूठ को मिनटों में तार-तार कर दिया। हुआ ये कि हमारे प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, अचानक आदमपुर एयरबेस पहुँच गए! हाँ दोस्तों, वही आदमपुर एयरबेस जिसे पाकिस्तान ने “तबाह” करने का दावा किया था, उसे मिट्टी में मिलाने की बात कही थी। प्रधानमंत्री वहाँ पहुँचे, उन्होंने निरीक्षण किया, और सबसे बड़ी बात – उन्होंने वहीं खड़े होकर भाषण दिया।
और प्रधानमंत्री के पीछे जो बैकग्राउंड था, उसने पाकिस्तान को आईना दिखा दिया। कैमरे पर साफ दिख रहा था – आदमपुर का रनवे बिल्कुल सही-सलामत था, उस पर कोई नुकसान नहीं था। हैंगर और बाकी इमारतें खड़ी थीं। और तो और, वहाँ खड़े थे भारत के सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम में से एक – S-400! हाँ, वही S-400 जिसे पाकिस्तान ने “नेस्तनाबूद” करने का दावा किया था। उसके साथ ही हमारे मिग-29 विमान भी दिखाई दे रहे थे, जो पूरी तरह ऑपरेशनल थे।
ये दृश्य सिर्फ प्रधानमंत्री का दौरा नहीं था, ये भारत का सीधा संदेश था पाकिस्तान को। मानो प्रधानमंत्री पाकिस्तान से कह रहे हों, “कहो भाई पाकिस्तान, कैसे हो? हमारा तबाह किया हुआ एयरबेस और हमारा नेस्तनाबूद किया हुआ S-400 सिस्टम देखकर कैसा लगा?” पब्लिक भी वहीं खड़ी थी और तालियाँ बजा रही थी, मानो सिटी मार रही हो पाकिस्तान के इस झूठे दावे पर। ये भारत का तरीका था, “आओ बेटा, तुम्हें दिखाते हैं हकीकत क्या है।”
S-400 वहाँ शान से खड़ा था, मानो खुद पाकिस्तान से कह रहा हो, “देखो भाई साहब, हम अभी भी ज़िंदा हैं! बल्कि पहले से ज़्यादा ताकतवर हैं!” ये S-400 सिस्टम वही है जिसने टकराव में पाकिस्तान के ड्रोन को मक्खी की तरह मारकर गिराया था। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उनके ड्रोन ने भारत का रडार तोड़ दिया। इस पर आदमपुर से भारत के रडार मानो चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि हम इतने तेज़ हैं कि तुम्हें मच्छर बनाकर मार दें। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में S-400 और मिग-29 का दिखना सिर्फ एक डिस्प्ले नहीं था, ये पाकिस्तान के झूठे दावों पर भारत की मुहर थी कि तुम झूठ बोल रहे हो।
पाकिस्तान ने 1965 और 1971 की हार का बदला आदमपुर को तबाह करके लेने का सोचा था। लेकिन भारत ने उन्हें दिखाया कि आदमपुर आज भी उतना ही मजबूत है, बल्कि पहले से कहीं ज़्यादा ताकतवर है। यहाँ S-400 जैसा सिस्टम तैनात है, मिग-29 जैसे विमान हैं, जो पाकिस्तान को आए दिन परेशान करते रहते हैं (मतलब उसकी किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए तैयार रहते हैं)। बल्कि आपको याद होगा, भारत ने इसी आदमपुर एयरबेस से उड़ान भरकर पाकिस्तान के अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था । पाकिस्तान शायद उन्हीं 9 ठिकानों का बदला लेने के लिए ये फर्जी कहानियाँ बना रहा था।
लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान ने न 65 का बदला लिया है, न 71 का। बल्कि भारत ने प्रधानमंत्री के आदमपुर दौरे से ये साबित कर दिया कि पाकिस्तान ने एक झूठ फैलाया था, और दुनिया उस झूठ पर और पाकिस्तान पर दोबारा विश्वास न करे। अंतरराष्ट्रीय मीडिया जो पाकिस्तान की कहानियों को मान रहा था, वो भी एक्सपोज हो गया। क्योंकि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं। और आदमपुर से आई तस्वीरें चिल्ला-चिल्लाकर पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश कर रही थीं। ये सिर्फ तस्वीरें नहीं थीं, ये पाकिस्तान के मुँह पर एक करारा तमाचा था।
दोस्तों, पाकिस्तान का झूठ सिर्फ आदमपुर एयरबेस तक सीमित नहीं है। ये तो बस एक उदाहरण था, उनके झूठ बोलने की आदत का। इस “वॉर” (टकराव) में पाकिस्तान ने और भी कई झूठ बोले। जैसे, उन्होंने एक झूठ ये बोला कि हम टेररिस्ट का साथ देते थे, जबकि हकीकत ये है कि वो खुद टेररिज्म से पीड़ित देश होने का दावा करते हैं, लेकिन ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकियों को अपने घर में छिपा लेते हैं! और जब भारत ने आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया, तो जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के जो आतंकी मारे गए, उनके जनाजों के पीछे पाकिस्तानी फौज खड़ी नज़र आई । ये बताता है कि पाकिस्तान आतंकियों को पालता-पोसता है।
एक और जबरदस्त झूठ था पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का। वो CNN पर इंटरव्यू दे रहे थे और दावा किया कि उन्होंने भारत के 5 राफेल विमान गिरा दिए । एंकर ने पूछा, “कैसे गिराए?” जवाब मिला, “सोशल मीडिया पर सबूत है, देख लो” । सोचिए, एक देश का रक्षा मंत्री इतनी बड़ी बात कह रहा है और सबूत के नाम पर सोशल मीडिया का हवाला दे रहा है! ये सुनकर हँसी आती है, लेकिन यही पाकिस्तान की सच्चाई है। वो पुरानी, छेड़छाड़ की हुई या गलत जगह की तस्वीरें (जैसे गाज़ा, सीरिया) या अपने पुराने मिग क्रैश की तस्वीरें दिखाकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश करते रहते हैं ।
पाकिस्तान की एक और खास बात है – उनकी “ख्वाबों की दुनिया”। वीडियो में दिखाया गया है कि पाकिस्तान की दुनिया बिल्कुल अलग है । वो शायद ख्वाबों में जीते हैं। हर आदमी खुश है, जश्न मना रहा है । सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक माहौल बना है, मानो कोई बहुत बड़ा युद्ध जीत लिया हो। ये वही मानसिकता है जो हारने के बाद भी जीत का मेडल गले में डालकर खुश रहता है । जैसे कोई जुआरी सब कुछ हार जाए, लेकिन आखिरी चवन्नी देखकर खुद को बादशाह समझने लगे । पाकिस्तान बिल्कुल ऐसा ही है। हकीकत से कोई वास्ता नहीं, सपनों की दुनिया में मस्त हैं, खुश हैं । शायद इसीलिए ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स में वो भारत से आगे निकल जाते हैं ।
एक और झूठ था, भारतीय स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह को पकड़ने का। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने हमारी महिला पायलट को पकड़ लिया है, चाय-कॉफी पिला रहे हैं । बाद में खुद उनके जनरलिस्ट ने माना कि ये फर्जी बात है । दिल्ली पर हमला करने और बत्तियां बंद करने की धमकी भी दी थी , लेकिन दिल्ली की बत्तियां जल रही हैं और हम तक वीडियो लगातार पहुँच रहे हैं ।
लेकिन भारत अब खामोश नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री के आदमपुर दौरे और वहाँ से दिए गए संदेश ने साफ कर दिया है कि भारत अब पाकिस्तान के झूठ और हरकतों का जवाब देगा। भारत ने स्पष्ट किया कि वो सरहद पर भी जवाब देगा । कोई आतंकी घर में घुसेगा, तो उसे ऑपरेशन किलर के तहत ठोका जाएगा । पाकिस्तान के अंदर जाकर भी जवाब लिया जाएगा । और सोशल मीडिया पर जो ये झूठ और फर्जी कहानियां फैलाई जाती हैं, इनका भी जवाब दिया जाएगा । भारत इस फ्रंट पर भी पीछे नहीं हटेगा ।
प्रधानमंत्री का ये कहना कि भारत बुद्ध और गुरु गोबिंद सिंह जी का देश है, ये एक गहरा संदेश है । बुद्ध शांति सिखाते हैं, लेकिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखाया कि शांति लाने के लिए कई बार युद्ध लड़ना पड़ता है । भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा, अगर वो उकसाएगा, झूठ बोलेगा, आतंकवाद फैलाएगा, तो भारत उसे ऐसा जवाब देगा कि शायद उसे इतिहास के पन्नों में समेटना पड़े।
पाकिस्तान के पास सिर्फ झूठ की कहानी है । भारत ने उसे आईना दिखा दिया है। अभी भी वक्त है, सुधर जाओ । एक्सपोज तो हो गए हो। अगर आगे भी ऐसी हिमाकत करोगे, तो शायद वो शांति की चर्चाएं इतिहास के पन्नों में तुम्हारे नाम से हों और दुनिया कहेगी – “एक था पाकिस्तान” ।
भारत की फौज, चाहे वो थलसेना हो, वायुसेना हो या नौसेना, सब तैयार हैं । भारतीय नौसेना तो कराची जाकर जवाब देना चाहती है, लेकिन अभी उन्हें रोका गया है । लेकिन मौका आएगा, जब पाकिस्तान को उसकी हर हरकत का हिसाब देना होगा।
पाकिस्तान का झूठ उसकी फितरत है, लेकिन अब भारत खामोश रहने वाला नहीं। आदमपुर एयरबेस पर भारत ने पाकिस्तान के सबसे बड़े झूठ को दुनिया के सामने उजागर कर दिया है। भारत की ताकत और इच्छाशक्ति साफ है।
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