क्या हुआ जब INS विक्रांत ने पाकिस्तान पर ऐसा हमला किया जिसका उसे अंदाज़ा भी नहीं था?
पाकिस्तान की तरफ़ से चल रहे तनाव के बीच, समंदर से आया एक ऐसा झटका जिसने सब हिला दिया!
भारत के गौरव, पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत ने कराची पोर्ट पर किया ज़बरदस्त प्रहार!
पाकिस्तान के कराची नेवल बेस के अहम ठिकाने, फ्यूल डिपो, हथियार और पनडुब्बियों को बनाया निशाना!
ब्रह्मोस मिसाइलें और मिग-29 फाइटर जेट्स बरसे!
पाकिस्तान में मची अफ़रा-तफ़री! कम्युनिकेशन और रडार सिस्टम तबाह!
एक ऐसी ख़बर पर बात करने वाले हैं जिसने सिर्फ़ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया है। एक ऐसा घटनाक्रम, जो दिखाता है कि अब भारत बदल गया है।
दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है। सीमा पर अक्सर कुछ न कुछ होता रहता है। लेकिन पिछले कुछ समय से ये तनाव एक नए और कहीं ज़्यादा बड़े स्तर पर पहुँच गया था। और इसी बड़े तनाव बढ़ने के बीच, हुआ एक ऐसा हमला, जिसका शायद पाकिस्तान ने सपने में भी अंदाज़ा नहीं लगाया होगा! जी हाँ, हम बात कर रहे हैं भारत-पाकिस्तान के बीच हुए लेटेस्ट टकराव की, और इसमें भारतीय नौसेना, खासकर हमारे गौरव, INS विक्रांत की भूमिका की।
सोचिए, पाकिस्तान की तरफ़ से लगातार हरकतें हो रही थीं। ज़मीन पर, सीमा पर… लेकिन अचानक समंदर की तरफ़ से एक ऐसी चोट पड़ी, जिसने पाकिस्तान की रीढ़ हिला दी। और इस चोट का सबसे बड़ा हथियार था हमारा अपना, भारत का अपना, INS विक्रांत!
कुछ लोग इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर – पार्ट 3’ भी कह रहे हैं। ये कोई आम ऑपरेशन नहीं था, बल्कि ये एक सोची समझी और बेहद शक्तिशाली जवाबी कार्रवाई थी।
कराची, जो सिर्फ़ एक शहर नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की आर्थिक नस है, उसकी फाइनेंशियल कैपिटल है। और इसी कराची के पोर्ट पर, अचानक एक ज़बरदस्त हमला हुआ। आप सोच रहे होंगे, पोर्ट पर हमला? इसमें क्या बड़ी बात है? दोस्तों, कराची पोर्ट पाकिस्तान के लिए सिर्फ़ व्यापार का केंद्र नहीं है, बल्कि ये उसकी नौसेना का भी एक बहुत महत्वपूर्ण अड्डा है – कराची नेवल बेस। ये पाकिस्तान की वेस्टर्न कमांड का हेडक्वार्टर है।
इस हमले में निशाना बनाया गया उनके सबसे संवेदनशील ठिकानों को। जैसे उनके फ्यूल डिपो (जहां ईंधन जमा रहता है), एमुनिशन स्टोरेज (जहां हथियार रखे होते हैं), और तो और, उनकी पनडुब्बियों के डॉक्स को भी! सोचिए, एक देश की नौसेना के सबसे ज़रूरी ठिकानों पर सीधा और सटीक वार। ये किसी भी देश के लिए एक बहुत बड़ा झटका होता है, खासकर पाकिस्तान के लिए, जिसकी अर्थव्यवस्था पहले ही बहुत नाज़ुक दौर से गुज़र रही है।
ये हमला इतना भीषण था कि पूरे पोर्ट एरिया में आग की लपटें और धुएं के बादल देखे गए। सिर्फ़ कराची नेवल बेस ही नहीं, बल्कि बताया जा रहा है कि गिन्ना नेवल बेस और उरमरा नेवल स्टेशन, जो पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नेवल बेस माना जाता है, वहां भी हमले हुए हैं। यानी निशाना सिर्फ़ एक जगह नहीं था, बल्कि पाकिस्तान की नौसैनिक ताकत के कई अहम हिस्सों पर एक साथ प्रहार किया गया।
और सिर्फ़ बेस ही नहीं, इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के कम्युनिकेशन टावरों और रडार सिस्टम को भी तबाह कर दिया गया। किसी भी सेना के लिए कम्युनिकेशन और रडार आँख और कान की तरह होते हैं। उन्हें नष्ट करने का मतलब है दुश्मन को अंधा और बहरा कर देना। वो समझ ही नहीं पा रहे थे कि हमला हो कहां से रहा है, कौन कर रहा है, और अगला निशाना क्या होगा।
और इस पूरे हमले की अगुवाई कर रहा था हमारा गौरव – INS विक्रांत। लेकिन INS विक्रांत ने ये किया कैसे? क्या था उसके पास ऐसा, जिसने पाकिस्तान को इतना बेबस कर दिया? चलिए, जानते हैं।
दोस्तों, INS विक्रांत सिर्फ़ एक जहाज़ नहीं है। ये भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। ये हमारा पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसे हमने खुद बनाया है। सोचिए, 43 हज़ार टन से ज़्यादा वज़न का, समंदर पर तैरता हुआ एक पूरा एयरबेस! ये एक ऐसा किला है जिसे आप कहीं भी ले जा सकते हैं।
और इसके ऊपर क्या कुछ नहीं है! ये अपने साथ लेकर चलता है 30 से ज़्यादा मिग-29K फाइटर जेट्स, कामोव हेलीकॉप्टर्स, और कई तरह के अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स, यानी ड्रोन। इसका मतलब है कि INS विक्रांत अकेले दम पर समंदर के बीचों-बीच से दुश्मन पर हवाई हमले कर सकता है, निगरानी रख सकता है, और अपनी सुरक्षा भी कर सकता है।
(और बात सिर्फ़ फाइटर जेट्स की नहीं है। INS विक्रांत प्रेसिजन मिसाइल प्लेटफॉर्म्स से भी लैस है। और सबसे ख़ास बात, इस ऑपरेशन में शिप-लॉन्च्ड ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। ब्रह्मोस की ताकत तो पूरी दुनिया जानती है। ये इतनी तेज़ और सटीक मिसाइल है कि दुश्मन को बचने का मौका ही नहीं मिलता। जब INS विक्रांत से मिग-29 और ब्रह्मोस जैसे हथियार एक साथ हमला करते हैं, तो दुश्मन के पास सिर्फ़ तबाही ही बचती है।
बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन के लिए INS विक्रांत को अरेबियन सी में, गुजरात कोस्ट के पास तैनात किया गया था। वहां से कराची पोर्ट तक हमला करना INS विक्रांत और उस पर मौजूद हथियारों की रेंज और ताकत को दिखाता है। पाकिस्तान ने सोचा भी नहीं होगा कि भारत इतनी दूर से और समंदर के रास्ते उन पर इतना ज़ोरदार हमला कर सकता है।
इधर से हमला हुआ, उधर पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। उनकी नौसेना को फुल अलर्ट पर डाल दिया गया। पाकिस्तान की एयरफोर्स ने भी अपने फाइटर जेट्स भेजे, शायद भारतीय मिग-29 को रोकने या काउंटर करने के लिए। लेकिन जैसा कि हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने उनके ड्रोन हमले को नाकाम किया, वैसे ही भारतीय नौसेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान के हर कदम का जवाब दिया।
दोस्तों, ये हमला सिर्फ़ एक जवाबी कार्रवाई नहीं थी। ये कई मायनों में एक बहुत बड़ा संदेश था। पहला संदेश, जैसा कि मैंने बताया, पाकिस्तान की आर्थिक नब्ज़ पर चोट। कराची उसकी फाइनेंशियल कैपिटल है, उसका सबसे बड़ा पोर्ट है। यहां हमला करने का मतलब है, सीधे-सीधे उसकी अर्थव्यवस्था पर वार करना। पहले से ही कर्ज़ और महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए ये एक और बड़ी मुसीबत है।
दूसरा संदेश, भारत की बढ़ती हुई सैन्य ताकत का प्रदर्शन। खासकर नौसेना के क्षेत्र में। INS विक्रांत का ऑपरेशन में इस्तेमाल दिखाता है कि भारत अब एक “ब्लू वॉटर नेवी” बनने की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। ब्लू वॉटर नेवी का मतलब होता है एक ऐसी नौसेना जो सिर्फ़ अपने तटों की रक्षा नहीं करती, बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में जाकर ऑपरेशन करने में सक्षम होती है। INS विक्रांत जैसी ताकतवर एयरक्राफ्ट कैरियर, भारत को ये क्षमता देती है कि वो दूर तक अपनी पावर प्रोजेक्ट कर सके, यानी अपनी ताकत का प्रदर्शन कर सके और ज़रूरत पड़ने पर दुश्मन को उसके घर में घुसकर भी सबक सिखा सके।
तीसरा और सबसे ज़रूरी संदेश, ये दिखाता है कि अब भारत रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रुख़ अपना सकता है। अब भारत सिर्फ़ हमलों को सहने वाला देश नहीं रहा। अगर कोई हमें चोट पहुंचाएगा, तो उसे इसका कई गुना ज़्यादा दर्दनाक जवाब मिलेगा। ये साइकोलॉजिकल वॉरफेयर का भी हिस्सा है। पाकिस्तान को ये दिखाना कि भारत के पास ऐसी क्षमताएं हैं जिनका उन्होंने शायद सोचा भी न हो, उनके मनोबल को तोड़ने के लिए काफ़ी है।
पाकिस्तान की तरफ़ से आरोप लगाए जा रहे हैं कि भारत ने सिविलियन ठिकानों पर हमला किया है। लेकिन भारत का रुख़ हमेशा से साफ रहा है। हमारे विदेश मंत्रालय और सेना ने हमेशा कहा है कि हम केवल मिलिट्री टारगेट्स को निशाना बनाते हैं, और इस बार भी यही हुआ है। हमला सटीक था और सिर्फ़ उन्हीं ठिकानों पर हुआ जो पाकिस्तान की सैन्य ताकत के लिए ज़रूरी थे।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर दुनिया को दिखाया है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। और INS विक्रांत जैसी ताकतें भारत को और भी ज़्यादा मज़बूत बना रही हैं।
तो दोस्तों, कराची पोर्ट पर INS विक्रांत का ये ऑपरेशन, भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति और निर्णायक क्षमता का एक स्पष्ट प्रमाण है। ये दिखाता है कि नया भारत अब चुप बैठने वाला नहीं है।
भारत की इस कार्रवाई पर आपके क्या विचार हैं? हमें कमेंट्स में लिखकर ज़रूर बताइए। इस वीडियो ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें ताकि हर भारतीय तक ये जानकारी पहुँचे।
जय हिंद!